लिप्यंतरण:( Wa innee 'uztu bi Rabbee wa rabbikum an tarjumoon )
तथा निःसंदेह मैंने अपने पालनहार तथा तुम्हारे पालनहार की इससे शरण ली है कि तुम मुझपर पथराव कर मेरी जान ले लो।
सूरा अद-दुख़ान आयत 20 तफ़सीर (टिप्पणी)
मुफ़्ती अहमद यार खान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Ad-Dukhan verse 20 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Dukhan ayat 17 which provides the complete commentary from verse 17 through 33.
सूरा अद-दुख़ान आयत 20 तफ़सीर (टिप्पणी)