लिप्यंतरण:( Fa asri bi'ibaadee lailan innakum muttaba'oon )
अतः तुम मेरे बंदों को लेकर रातों-रात चले जाओ। निःसंदेह तुम्हारा पीछा किया जाएगा।
सूरा अद-दुख़ान आयत 23 तफ़सीर (टिप्पणी)
मुफ़्ती अहमद यार खान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Ad-Dukhan verse 23 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Dukhan ayat 17 which provides the complete commentary from verse 17 through 33.
सूरा अद-दुख़ान आयत 23 तफ़सीर (टिप्पणी)