Quran Quote  : 

कुरान मजीद-51:53 सुरा अज़-ज़ारियात हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

أَتَوَاصَوۡاْ بِهِۦۚ بَلۡ هُمۡ قَوۡمٞ طَاغُونَ

लिप्यंतरण:( Atawaasaw bih; bal hum qawmun taaghoon )

क्या उन्होंने एक-दूसरे को इस (बात) की वसीयत[13] की है? बल्कि वे (स्वयं ही) सरकश लोग हैं।

सूरा अज़-ज़ारियात आयत 53 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

13. जब सभी ने एक ही बात कही, तो सवाल उठता है कि क्या ये सब एक-दूसरे को वसीयत कर गए हैं? यह संभव नहीं है कि उन्होंने एक-दूसरे को इसकी वसीयत की हो। इसलिए तथ्य यह है कि वे सरकश लोग हैं।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Ad-Dhariyat verse 53 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Dhariyat ayat 52 which provides the complete commentary from verse 52 through 60.

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