लिप्यंतरण:( Wa zakaras ma Rabbihee fasallaa )
5. (14-15) इन आयतों में कहा गया है कि सफलता मात्र उनके लिए है, जो आस्था, स्वभाव तथा कर्म की पवित्रता को अपनाएँ, और नमाज़ अदा करते रहें।
The tafsir of Surah Al-Ala verse 15 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Al-Ala ayat 14 which provides the complete commentary from verse 14 through 19.
सूरा Al-A'laआयत 15 तफ़सीर (टिप्पणी)