लिप्यंतरण:( Innna ilaa rabbikar ruj'aa )
2. (6-8) इन आयतों में उनको धिक्कारा है जो धन के अभिमान में अल्लाह की अवज्ञा करते हैं और इस बात से निश्चिन्त हैं कि एक दिन उन्हें अपने कर्मों का जवाब देने के लिए अल्लाह के पास जाना भी है।
The tafsir of Surah Alaq verse 8 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Alaq ayat 6 which provides the complete commentary from verse 6 through 19.
सूरा Al-Alaqआयत 8 तफ़सीर (टिप्पणी)