Quran Quote  : 

कुरान मजीद-6:15 सुरा अल-अनआम हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

قُلۡ إِنِّيٓ أَخَافُ إِنۡ عَصَيۡتُ رَبِّي عَذَابَ يَوۡمٍ عَظِيمٖ

लिप्यंतरण:( Qul inneee akhaafu in 'asaitu Rabbee 'azaaba Yawmin 'Azeem )

आप कह दें कि यदि मैं अपने पालनहार की अवज्ञा करूँ, तो निःसंदेह मैं एक बड़े दिन की यातना से डरता हूँ।[16]

सूरा अल-अनआम आयत 15 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

16. इन आयतों का भावार्थ यह है कि जब अल्लाह ही ने इस विश्व की उत्पत्ति की है, वही अपनी दया से इसकी व्यवस्था कर रहा है, और सबको जीविका प्रदान कर रहा है, तो फिर तुम्हारा स्वभाविक कर्म भी यही होना चाहिए कि उसी एक की उपासना करो। यह तो बड़े कुपथ की बात होगी कि उससे मुँह फेरकर दूसरों की उपासना करो और उनके आगे झुको।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Al-Anam verse 15 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Anam ayat 12 which provides the complete commentary from verse 12 through 16.

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