लिप्यंतरण:( Wa laa tatrudil lazeena yad'oona Rabbahum bilghadaati wal 'ashiyyi yureedoona Wajhahoo ma 'alaika min hisaabihim min shai'inw wa maa min hisaabika 'alaihim min shai'in fatatrudahum fatakoona minaz zaalimeen )
39. अर्थात न आप उनके कर्मों के उत्तरदायी हैं, न वे आपके कर्मों के। रिवायतों से विदित होता है कि मक्का के कुछ धनी मिश्रणवादियों ने नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से कहा कि हम आपकी बातें सुनना चाहते हैं, किंतु आपके पास नीच लोग रहते हैं, जिनके साथ हम नहीं बैठ सकते। इसी पर यह आयत उतरी। (इबने कसीर) ह़दीस में है कि अल्लाह, तुमहारे रूप और वस्त्र नहीं देखता किंतु तुम्हारे दिलों और कर्मों को देखता है। (सह़ीह़ मुस्लिम : 2564)
The tafsir of Surah Al-Anam verse 52 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Anam ayat 50 which provides the complete commentary from verse 50 through 54.
सूरा Al-Anamआयत 52 तफ़सीर (टिप्पणी)