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कुरान मजीद-21:102 सुरा अल-अम्बिया हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

لَا يَسۡمَعُونَ حَسِيسَهَاۖ وَهُمۡ فِي مَا ٱشۡتَهَتۡ أَنفُسُهُمۡ خَٰلِدُونَ

लिप्यंतरण:( Laa yasma'oona hasee sahaa wa hum fee mash tahat anfusuhum khaalidoon )

वे उस (जहन्नम) की आहट भी नहीं सुनेंगे, और वे अपनी मनचाही चीज़ों में सदा रहने वाले हैं।

सूरा अल-अम्बिया आयत 102 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Anbiya verse 102 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Anbiya ayat 98 which provides the complete commentary from verse 98 through 103.

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