तो उनकी पुकार हमेशा यही रही, यहाँ तक कि हमने उन्हें कटे हुए, बुझे हुए बना दिया।
सूरा Al-Anbiyaआयत 15 तफ़सीर (टिप्पणी)
ख़ज़ाएनुल इरफ़ान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Anbiya verse 15 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Anbiya ayat 10 which provides the complete commentary from verse 10 through 15.
सूरा Al-Anbiyaआयत 15 तफ़सीर (टिप्पणी)