लिप्यंतरण:( Law aradnaaa an nattakhiza lahwal lat takhaznaahu mil ladunnaaa in kunnaa faa'ileen )
9. अर्थात इस विशाल संसार को बनाने की आवश्यक्ता न थी। इस आयत में यह बताया जा रहा है कि इस संसार को खेल नहीं बनाया गया है। यहाँ एक साधारण नियम काम कर रहा है। और वह सत्य और असत्य के बीच संघर्ष का नियम है। अर्थात यहाँ जो कुछ होता है वह सत्य की विजय और असत्य की पराजय के लिए होता है। और सत्य के आगे असत्य समाप्त हो कर रह जाता है।
The tafsir of Surah Anbiya verse 17 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Anbiya ayat 16 which provides the complete commentary from verse 16 through 20.
सूरा Al-Anbiyaआयत 17 तफ़सीर (टिप्पणी)