लिप्यंतरण:( Wa Huwal lazee khalaqal laila wannahaara washshamsa wal qamara kullun fee falakiny yasbahoon )
16. क़ुरआन अपनी शिक्षा में संसार की व्यवस्था से एक ही पूज्य होने का प्रमाण प्रस्तुत करता है। यहाँ भी आयत : 30 से 33 तक एक अल्लाह के पूज्य होने का प्रमाण प्रस्तुत किया गया है।
The tafsir of Surah Anbiya verse 33 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Anbiya ayat 30 which provides the complete commentary from verse 30 through 33.
सूरा Al-Anbiyaआयत 33 तफ़सीर (टिप्पणी)