Quran Quote  : 

कुरान मजीद-29:25 सुरा अल-अन्कबूत हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَقَالَ إِنَّمَا ٱتَّخَذۡتُم مِّن دُونِ ٱللَّهِ أَوۡثَٰنٗا مَّوَدَّةَ بَيۡنِكُمۡ فِي ٱلۡحَيَوٰةِ ٱلدُّنۡيَاۖ ثُمَّ يَوۡمَ ٱلۡقِيَٰمَةِ يَكۡفُرُ بَعۡضُكُم بِبَعۡضٖ وَيَلۡعَنُ بَعۡضُكُم بَعۡضٗا وَمَأۡوَىٰكُمُ ٱلنَّارُ وَمَا لَكُم مِّن نَّـٰصِرِينَ

लिप्यंतरण:( Wa qaala innamat takhaz tum min doonil laahi awsaanam mawaddata bainikum fil hayaatid dunyaa summa Yawmal Qiyaamati yakfuru ba'dukum biba'dinw wa yal'anu ba'dukum ba'danw wa ma'waakumun Naaru wa maa lakum min naasireen )

और उसने कहा : बात यही है कि तुमने अल्लाह के सिवा मूर्तियाँ बना रखी हैं, दुनिया के जीवन में पारस्परिक दोस्ती के कारण। फिर क़ियामत के दिन तुम एक-दूसरे का इनकार करोगे तथा तुम एक-दूसरे पर ला'नत करोगे। और तुम्हारा ठिकाना आग ही है और तुम्हारे लिए कोई मदद करने वाले नहीं।

सूरा अल-अन्कबूत आयत 25 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Ankabut verse 25 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Ankabut ayat 24 which provides the complete commentary from verse 24 through 25.

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