Quran Quote  : 

कुरान मजीद-29:33 सुरा अल-अन्कबूत हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَلَمَّآ أَن جَآءَتۡ رُسُلُنَا لُوطٗا سِيٓءَ بِهِمۡ وَضَاقَ بِهِمۡ ذَرۡعٗاۖ وَقَالُواْ لَا تَخَفۡ وَلَا تَحۡزَنۡ إِنَّا مُنَجُّوكَ وَأَهۡلَكَ إِلَّا ٱمۡرَأَتَكَ كَانَتۡ مِنَ ٱلۡغَٰبِرِينَ

लिप्यंतरण:( Wa lammaaa an jaaa'at Rusulunaa Lootan seee'a bihim wa daaqa bihim zar'anw wa qaaloo laa takhaf wa laa tahzan innaa munajjooka wa ahlaka illam ra ataka kaanat minal ghaabireen )

और जब हमारे भेजे हुए (फ़रिश्ते) लूत के पास आए, तो वह उनके आने से उदास हुआ और उनके कारण उसका मन व्याकुल[14] हो गया। और उन्होंने कहा : न डरो और न शोक करो। निःसंदेह हम तुम्हें और तुम्हारे घर वालों को बचाने वाले हैं, सिवाय तुम्हारी पत्नी के, वह पीछो रह जाने वालों में से है।

सूरा अल-अन्कबूत आयत 33 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

14. क्योंकि लूत (अलैहिस्सलाम) को अपनी जाति की निर्लज्जता का ज्ञान था।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Ankabut verse 33 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Ankabut ayat 31 which provides the complete commentary from verse 31 through 35.

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