Quran Quote  : 

कुरान मजीद-7:131 सुरा अल-आराफ़ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

فَإِذَا جَآءَتۡهُمُ ٱلۡحَسَنَةُ قَالُواْ لَنَا هَٰذِهِۦۖ وَإِن تُصِبۡهُمۡ سَيِّئَةٞ يَطَّيَّرُواْ بِمُوسَىٰ وَمَن مَّعَهُۥٓۗ أَلَآ إِنَّمَا طَـٰٓئِرُهُمۡ عِندَ ٱللَّهِ وَلَٰكِنَّ أَكۡثَرَهُمۡ لَا يَعۡلَمُونَ

लिप्यंतरण:( Fa izaa jaaa'at humul hasanatu qaaloo lanaa haazihee wa in tusibhum saiyi'atuny yattaiyaroo bi Moosaa wa mam ma'ah; alaaa innamaa taaa'iruhum 'indal laahi wa laakinna aksarahum laa ya'lamoon )

फिर जब उन्हें संपन्नता प्राप्त होती, तो कहते कि यह तो हमारा हक़ है और यदि उन्हें कोई विपत्ति पहुँचती, तो मूसा और उसके साथियों से अपशकुन लेते। सुन लो! उनका अपशकुन तो अल्लाह ही के पास[44] है, परंतु उनमें से अधिकतर लोग नहीं जानते।

सूरा अल-आराफ़ आयत 131 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

44. अर्थात अल्लाह ने प्रत्येक दशा के लिए एक नियम बना दिया है, जिसके अनुसार कर्मों के परिणाम सामने आते हैं, चाहे वह अशुभ हों या न हों, सब अल्लाह के निर्धारित नियमानुसार होते हैं।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Al-A’raf verse 131 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah A’raf ayat 130 which provides the complete commentary from verse 130 through 131.

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