लिप्यंतरण:( Fa izaa jaaa'at humul hasanatu qaaloo lanaa haazihee wa in tusibhum saiyi'atuny yattaiyaroo bi Moosaa wa mam ma'ah; alaaa innamaa taaa'iruhum 'indal laahi wa laakinna aksarahum laa ya'lamoon )
44. अर्थात अल्लाह ने प्रत्येक दशा के लिए एक नियम बना दिया है, जिसके अनुसार कर्मों के परिणाम सामने आते हैं, चाहे वह अशुभ हों या न हों, सब अल्लाह के निर्धारित नियमानुसार होते हैं।
The tafsir of Surah Al-A’raf verse 131 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah A’raf ayat 130 which provides the complete commentary from verse 130 through 131.
सूरा अल-आराफ़ आयत 131 तफ़सीर (टिप्पणी)