Quran Quote  : 

कुरान मजीद-7:177 सुरा अल-आराफ़ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

سَآءَ مَثَلًا ٱلۡقَوۡمُ ٱلَّذِينَ كَذَّبُواْ بِـَٔايَٰتِنَا وَأَنفُسَهُمۡ كَانُواْ يَظۡلِمُونَ

लिप्यंतरण:( Saaa'a masalanil qawmul lazeena kazzaboo bi Aayaatinaa wa anfusahum kaanoo yazlimoon )

उन लोगों की मिसाल बहुत बुरी है, जिन्होंने हमारी आयतों को झुठलाया और वे अपने ही ऊपर अत्याचार करते रहे।[66]

सूरा अल-आराफ़ आयत 177 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

66. भाष्यकारों ने नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के युग और प्राचीन युग के कई ऐसे व्यक्तियों का नाम लिया है, जिनका यह उदाहरण हो सकता है। परंतु आयत का भावार्थ बस इतना है कि प्रत्येक व्यक्ति जिसमें ये अवगुण पाए जाते हों, उसकी दशा यही होती है, जिसकी जीभ से माया-मोह के कारण राल टपकती रहती है, और उसकी लोभाग्नि कभी नहीं बुझती।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Al-A’raf verse 177 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah A’raf ayat 175 which provides the complete commentary from verse 175 through 177.

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