Quran Quote  : 

कुरान मजीद-7:2 सुरा अल-आराफ़ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

كِتَٰبٌ أُنزِلَ إِلَيۡكَ فَلَا يَكُن فِي صَدۡرِكَ حَرَجٞ مِّنۡهُ لِتُنذِرَ بِهِۦ وَذِكۡرَىٰ لِلۡمُؤۡمِنِينَ

लिप्यंतरण:( Kitaabun unzila ilaika falaa yakun fee sadrika harajum minhu litunzira bihee wa zikraa lilmu'mineen )

यह एक पुस्तक है, जो आपकी ओर उतारी गई है। अतः (ऐ नबी!) आपके सीने में इससे कोई तंगी न हो। ताकि आप इसके द्वारा (लोगों को) सावधान करें[1] और (यह) ईमान वालों के लिए उपदेश है।

सूरा अल-आराफ़ आयत 2 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

1. अर्थात अल्लाह के इनकार और उसके दुष्परिणाम से।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Al-A’raf verse 2 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah A’raf ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 3.

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