लिप्यंतरण:( Wa qaasamahumaaa innee lakumaa laminan naasiheen )
तथा उसने उन दोनों से क़सम खाकर कहा : निःसंदेह मैं तुम दोनों का निश्चित रूप से हितैषी हूँ।
सूरा अल-आराफ़ आयत 21 तफ़सीर (टिप्पणी)
मुफ़्ती अहमद यार खान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Al-A’raf verse 21 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah A’raf ayat 19 which provides the complete commentary from verse 19 through 21.
सूरा अल-आराफ़ आयत 21 तफ़सीर (टिप्पणी)