Quran Quote  : 

कुरान मजीद-7:5 सुरा अल-आराफ़ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

فَمَا كَانَ دَعۡوَىٰهُمۡ إِذۡ جَآءَهُم بَأۡسُنَآ إِلَّآ أَن قَالُوٓاْ إِنَّا كُنَّا ظَٰلِمِينَ

लिप्यंतरण:( Famaa kaana da'waahum iz jaaa'ahum ba'sunaa illaaa an qaalooo innaa kunnaa zaalimeen )

फिर जब उनपर हमारा प्रकोप आ पड़ा, तो उनकी पुकार यह कहने के सिवा कुछ नहीं थी : निश्चय हम ही अत्याचारी[2] थे।

सूरा अल-आराफ़ आयत 5 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

2. अर्थात अपनी हठधर्मी को उस समय स्वीकार किया।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Al-A’raf verse 5 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah A’raf ayat 4 which provides the complete commentary from verse 4 through 7.

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