लिप्यंतरण:( Allazeenat takhazoo deenahum lahwanw wa la'i-banw wa gharrat humul hayaatud dunyaa; fal Yawma nannsaahum kamaa nasoo liqaaa'a Yawmihim haazaa wa maa kaanoo bi aayaatinaa yajhadoon )
21. नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहा : प्रलय के दिन अल्लाह ऐसे बंदों से कहेगा : क्या मैंने तुम्हें बीवी-बच्चे नहीं दिए, आदर-मान नहीं दिया? क्या ऊँट-घोड़े तेरे अधीन नहीं किए, क्या तू मुखिया बनकर चुंगी नहीं लेता था? वह कहेगा : ऐ अल्लाह! सब सह़ीह़ है। अल्लाह प्रश्न करेगा : क्या मुझसे मिलने की आशा रखता था? वह कहेगा : नहीं। अल्लाह कहेगा : जैसे तू मुझे भूला रहा, आज मैं तुझे भूल जाता हूँ। (सह़ीह़ मुस्लिम : 2968)
The tafsir of Surah Al-A’raf verse 51 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah A’raf ayat 50 which provides the complete commentary from verse 50 through 51.
सूरा अल-आराफ़ आयत 51 तफ़सीर (टिप्पणी)