लिप्यंतरण:( Innakum lata'toonar rijaala shahwatam min doonin nisaaa'; bal antumqawmum musrifoon )
34. लूत अलैहिस्सलाम की जाति ने निर्लज्जता और बालमैथुन की कुरीति बनाई थी जो मनुष्य के स्वभाव के विरुद्ध था। आज रिसर्च से पता चला कि यह विभिन्न प्रकार के रोगों का कारण है, जिसमें विशेषकर "एड्स" के रोगों का वर्णन करते हैं। परंतु आज पश्चिमी देश दुबारा उस अंधकार युग की ओर जा रहे हैं और इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का नाम दे रखा है।
The tafsir of Surah Al-A’raf verse 81 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah A’raf ayat 80 which provides the complete commentary from verse 80 through 81.
सूरा अल-आराफ़ आयत 81 तफ़सीर (टिप्पणी)