लिप्यंतरण:( Wa waalidinw wa maa walad )
"बाप" और "बेटे" का प्रतीकवाद (Symbolism of Father and Child)
"बाप" शब्द से हज़रत आदम عَلَيْهِ ٱلسَّلَامُ का इशारा है, और "बेटा" उनकी औलाद को दर्शाता है। इसके अलावा, "बाप" हज़रत इब्राहिम عَلَيْهِ ٱلسَّلَامُ को भी इंगित कर सकता है, जबकि "बेटा" रसूल-ए-पाक صَلَّى اللّٰهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ या उनके मानने वालों को दर्शाता है। यह गहरा प्रतीकवाद कई अहम बातें उजागर करता है:
मुख्य बातें (Key Insights)
मानवता की प्रतिष्ठा (Human Nobility in Creation)
अल्लाह तआला ने हज़रत आदम عَلَيْهِ ٱلسَّلَامُ और उनकी औलाद की कसम खाकर इंसान की बुलंद मरतबा को जाहिर किया।
पिता की श्रेष्ठता (Superiority of the Father)
पिता का दर्जा मां से ऊपर माना गया क्योंकि अल्लाह ने "बाप" की कसम खाई लेकिन "मां" की नहीं। यह पिता की औलाद के आधार और रक्षक के रूप में अहम भूमिका को दर्शाता है।
पैग़म्बरों का ऊंचा मुकाम (Exalted Status of the Prophets)
पैग़म्बरी रिश्ते की अनूठी विशेषता (Uniqueness of the Prophetic Relationship)
ईमान वालों के लिए सबक (Lessons for the Believers)
पैग़म्बरों का रूहानी पिता का किरदार (Role of Prophets as Spiritual Fathers)
पैग़म्बरों के प्रति विनम्रता (Humility Towards the Prophets)
आम भाईचारा (Universal Brotherhood)
रसूल के रिश्तेदारों और साथियों की इज्जत (Respect for the Prophet’s Kin and Companions)
The tafsir of Surah Balad verse 3 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Balad ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 10.
सूरा आयत 3 तफ़सीर (टिप्पणी)