Quran Quote  : 

कुरान मजीद-2:158 सुरा अल-बकरा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

۞إِنَّ ٱلصَّفَا وَٱلۡمَرۡوَةَ مِن شَعَآئِرِ ٱللَّهِۖ فَمَنۡ حَجَّ ٱلۡبَيۡتَ أَوِ ٱعۡتَمَرَ فَلَا جُنَاحَ عَلَيۡهِ أَن يَطَّوَّفَ بِهِمَاۚ وَمَن تَطَوَّعَ خَيۡرٗا فَإِنَّ ٱللَّهَ شَاكِرٌ عَلِيمٌ

लिप्यंतरण:( Innas Safaa wal-Marwata min sha'aaa'iril laahi faman hajjal Baita awi'tamara falaa junaaha 'alaihi ai yattawwafa bihimaa; wa man tatawwa'a khairan fa innal laaha Shaakirun'Aleem )

निःसंदेह सफ़ा और मरवा[79] अल्लाह की निशानियों में से हैं। अतः जो कोई इस घर का हज्ज करे या उम्रा करे, तो उसपर कोई दोष नहीं कि इन दोनों का तवाफ़ करे। और जो कोई स्वेच्छा से भलाई का कार्य करे, तो निःसंदेह अल्लाह (उसकी) क़द्र करने वाला, सब कुछ जानने वाला है।

सूरा अल-बकरा आयत 158 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

79. यह दो पर्वत हैं जो काबा की पूर्वी दिशा में स्थित हैं। जिनके बीच सात फेरे लगाना ह़ज्ज तथा उमरे का अनिवार्य कर्म है। जिसका आरंभ सफ़ा पर्वत से किया जाता है।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Baqarah verse 157 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Baqarah ayat 155 which provides the complete commentary from verse 155 through 157.

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