लिप्यंतरण:( Ash Shahrul Haraamu bish Shahril Haraami wal hurumaatu qisaas; famani'tadaa 'alaikum fa'tadoo 'alaihi bimisli ma'tadaa 'alaikum; wattaqul laaha wa'lamooo annal laaha ma'al muttaqeen )
113. हुरमत वाले महीनों से अभिप्रेत चार अरबी महीने : ज़ुल-क़ादह, ज़ुल-हिज्जह, मुह़र्रम तथा रजब हैं। इबराहीम अलैहिस्सलाम के युग से इन मासों का आदर सम्मान होता आ रहा है। आयत का अर्थ यह है कि कोई हुरमत वाले स्थान अथवा युग में अतिक्रमण करे, तो उसे बराबरी का बदला दिया जाए।
The tafsir of Surah Baqarah verse 193 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Baqarah ayat 190 which provides the complete commentary from verse 190 through 193.
सूरा अल-बकरा आयत 194 तफ़सीर (टिप्पणी)