लिप्यंतरण:( Yas'aloonaka 'anilkhamri walmaisiri qul feehimaaa ismun kabeerunw wa manaafi'u linnaasi wa ismuhumaa akbaru min naf'ihimaa; wa yas'aloonaka maaza yunfiqoona qulil-'afwa; kazaalika yubaiyinul laahu lakumul-aayaati la'allakum tatafakkaroon )
137. अर्थात अपने लोक परलोक के लाभ के विषय में विचार करो, और जिसमें अधिक हानि हो उसे त्याग दो, यद्यपि उसमें थोड़ा लाभ ही क्यों न हो। यह मदिरा और जुआ से संबंधित प्रथम आदेश है। आगामी सूरतुन्-निसा आयत : 43 तथा सूरतुल-माइदा आयत : 90 में इनके विषय में अंतिम आदेश आ रहा है।
The tafsir of Surah Baqarah verse 218 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Baqarah ayat 217 which provides the complete commentary from verse 217 through 218.
सूरा अल-बकरा आयत 219 तफ़सीर (टिप्पणी)