लिप्यंतरण:( Wa laatankihul mushrikaati hattaa yu'minn; wa la amatum mu'minatun khairum mim mushrikatinw wa law a'jabatkum; wa laa tunkihul mushrikeena hattaa yu'minoo; wa la'abdummu'minun khairum mimmushrikinw wa law 'ajabakum; ulaaa'ika yad'oona ilan Naari wallaahu yad'ooo ilal Jannati walmaghfirati biiznihee wa yubaiyinu Aayaatihee linnaasi la'allahum yatazakkaroon )
139. इस्लाम के विरोधियों से युद्ध ने यह प्रश्न उभार दिया कि उनसे विवाह उचित है या नहीं? उसपर कहा जा रहा है कि उनसे विवाह संबंध अवैध है, और इसका कारण भी बता दिया गया है कि वे तुम्हें सत्य से फेरना चाहते हैं। उनके साथ तुम्हारा वैवाहिक सम्बंध कभी सफलता का कारण नहीं हो सकता।
The tafsir of Surah Baqarah verse 220 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Baqarah ayat 219 which provides the complete commentary from verse 219 through 220.
सूरा अल-बकरा आयत 221 तफ़सीर (टिप्पणी)