लिप्यंतरण:( Lillazeena yu'loona min nisaaa'ihim tarabbusu arba'ati ashhurin fain faaa'oo fa innal laaha Ghafoorur Raheem )
142. यदि पत्नी से संबंध न रखने की शपथ ली जाए, जिसे अरबी में "ईला" के नाम से जाना जाता है, तो उसका यह नियम है कि चार महीने प्रतीक्षा की जाएगी। यदि इस बीच पति ने फिर संबंध स्थापित कर लिया तो उसे शपथ का कफ़्फ़ारह (प्रायश्चित) देना होगा। अन्यथा चार महीने पूरे हो जाने पर न्यायालय उसे शपथ से फिरने या तलाक़ देने पर बाध्य करेगा।
The tafsir of Surah Baqarah verse 225 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Baqarah ayat 224 which provides the complete commentary from verse 224 through 225.
सूरा अल-बकरा आयत 226 तफ़सीर (टिप्पणी)