Quran Quote  : 

कुरान मजीद-2:270 सुरा अल-बकरा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَمَآ أَنفَقۡتُم مِّن نَّفَقَةٍ أَوۡ نَذَرۡتُم مِّن نَّذۡرٖ فَإِنَّ ٱللَّهَ يَعۡلَمُهُۥۗ وَمَا لِلظَّـٰلِمِينَ مِنۡ أَنصَارٍ

लिप्यंतरण:( Wa maaa anfaqtum min nafaqatin aw nazartum min nazrin fa innal laaha ya'lamuh; wa maa lizzaalimeena min ansaar )

तथा तुम जो भी दान करो अथवा मन्नत[177] मानो, तो निःसंदेह अल्लाह उसे जानता है और अत्याचारियों के लिए कोई सहायक नहीं।

सूरा अल-बकरा आयत 270 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

177. अर्थात स्वयं पर इबादत का वह कार्य अनिवार्य कर लेना जो अनिवार्य नहीं है।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Baqarah verse 269 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Baqarah ayat 267 which provides the complete commentary from verse 267 through 269.

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