Quran Quote  : 

कुरान मजीद-48:12 सुरा अल-फ़तह हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

بَلۡ ظَنَنتُمۡ أَن لَّن يَنقَلِبَ ٱلرَّسُولُ وَٱلۡمُؤۡمِنُونَ إِلَىٰٓ أَهۡلِيهِمۡ أَبَدٗا وَزُيِّنَ ذَٰلِكَ فِي قُلُوبِكُمۡ وَظَنَنتُمۡ ظَنَّ ٱلسَّوۡءِ وَكُنتُمۡ قَوۡمَۢا بُورٗا

लिप्यंतरण:( Bal zanantum al lany yanqalibar Rasoolu walmu'minoona ilaaa ahleehim abadanw wa zuyyina zaalika fee quloobikum wa zanantum zannnas saw'i wa kuntum qawmam booraa )

बल्कि, तुमने सोचा था कि रसूल और ईमान वाले अपने परिजनों की ओर कभी वापस ही नहीं आएँगे, और यह बात तुम्हारे दिलों में सुंदर बना दी गई। और तुमने बहुत बुरा गुमान किया, और तुम नाश होने वाले लोग थे।

सूरा अल-फ़तह आयत 12 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Fath verse 12 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Fath ayat 11 which provides the complete commentary from verse 11 through 14.

सूरा अल-फ़तह सभी आयत (छंद)

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