Quran Quote  : 

कुरान मजीद-25:40 सुरा अल-फुरक़ान हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَلَقَدۡ أَتَوۡاْ عَلَى ٱلۡقَرۡيَةِ ٱلَّتِيٓ أُمۡطِرَتۡ مَطَرَ ٱلسَّوۡءِۚ أَفَلَمۡ يَكُونُواْ يَرَوۡنَهَاۚ بَلۡ كَانُواْ لَا يَرۡجُونَ نُشُورٗا

लिप्यंतरण:( Wa laqad ataw 'alal qaryatil lateee umtirat mataras saw'; afalam yakoonoo yarawnahaa; bal kaanoo laa yarjoona nushooraa )

और निश्चय ही ये लोग[21] उस बस्ती[22] पर आ चुके हैं, जिसपर बुरी वर्षा की गई। तो क्या ये लोग उसे देखा नहीं करते थे? बल्कि ये लोग पुनः जीवित करके उठाए जाने की आशा नहीं रखते थे।

सूरा अल-फुरक़ान आयत 40 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

21. अर्थात मक्का के मुश्रिक। 22. अर्थात लूत जाति की बस्ती पर, जिसका नाम "सदूम" था, जिसपर पत्थरों की वर्षा हुई। फिर भी शिक्षा ग्रहण नहीं की।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Furqan verse 40 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Furqan ayat 35 which provides the complete commentary from verse 35 through 40.

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