निःसंदेह वह सबसे महान अल्लाह पर ईमान नहीं रखता था।
सूरा अल-हाक़्क़ा आयत 33 तफ़सीर (टिप्पणी)
मुफ़्ती अहमद यार खान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Al-Haqqah verse 33 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Haqqah ayat 25 which provides the complete commentary from verse 25 through 37.
सूरा अल-हाक़्क़ा आयत 33 तफ़सीर (टिप्पणी)