लिप्यंतरण:( Huwal-laahul-lazee laaa Ilaaha illaa Huwal-Malikul Quddoosus-Salaamul Muminul Muhaiminul-'aAzeezul Jabbaarul-Mutakabbir; Subhaanal laahi 'Ammaa yushrikoon )
10. इन आयतों में अल्लाह के शुभ नामों और गुणों का वर्णन करके बताया गया है कि वह अल्लाह कैसा है जिसने यह क़ुरआन उतारा है। इस आयत में अल्लाह के ग्यारह शुभ नामों का वर्णन है। ह़दीस में है कि अल्लाह के निन्नानवे नाम ऐसे हैं कि जो उन्हें गिनेगा तो वह स्वर्ग में जाएगा। (सह़ीह़ बुख़ारी : 7392, सह़ीह़ मुस्लिम : 2677)
The tafsir of Surah Hashr verse 23 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Hashr ayat 21 which provides the complete commentary from verse 21 through 24.
सूरा Al-Hashrआयत 23 तफ़सीर (टिप्पणी)