लिप्यंतरण:( Rubamaa yawaddul lazeena kafaroo law kaanoo muslimeen )
1. ऐसा उस समय होगा जब फ़रिश्ते उनकी आत्मा निकालने आएँगे, और उनको उनका नरक का स्थान दिखा देंगे। और क़ियामत के दिन तो ऐसी दुर्दशा होगी कि धूल हो जाने की कामना करेंगे। (देखिए : सूरतुन-नबा, आयत : 40)
The tafsir of Surah Hijr verse 2 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Hijr ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 3.
सूरा अल-हिज्र आयत 2 तफ़सीर (टिप्पणी)