उस (लूत अलैहिस्सलाम) ने कहा : ये लोग तो मेरे अतिथि हैं। अतः मुझे अपमानित न करो।
सूरा अल-हिज्र आयत 68 तफ़सीर (टिप्पणी)
मुफ़्ती अहमद यार खान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Hijr verse 68 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Hijr ayat 67 which provides the complete commentary from verse 67 through 72.
सूरा अल-हिज्र आयत 68 तफ़सीर (टिप्पणी)