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कुरान मजीद-49:3 सुरा अल-हुजुरात हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

إِنَّ ٱلَّذِينَ يَغُضُّونَ أَصۡوَٰتَهُمۡ عِندَ رَسُولِ ٱللَّهِ أُوْلَـٰٓئِكَ ٱلَّذِينَ ٱمۡتَحَنَ ٱللَّهُ قُلُوبَهُمۡ لِلتَّقۡوَىٰۚ لَهُم مَّغۡفِرَةٞ وَأَجۡرٌ عَظِيمٌ

लिप्यंतरण:( Innal lazeena yaghud doona aswaatahum 'inda Rasoolil laahi ulaaa'ikal lazeenam tah anal laahu quloobahum littaqwaa; lahum maghfiratunw wa'ajrun 'azeem )

निःसंदेह जो लोग अल्लाह के रसूल के पास अपनी आवाज़ें धीमी रखते हैं, यही लोग हैं, जिनके दिलों को अल्लाह ने परहेज़गारी के लिए जाँच लिया है। उनके लिए बड़ी क्षमा तथा महान प्रतिफल है।

सूरा अल-हुजुरात आयत 3 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Hujurat verse 3 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Hujurat ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 3.

सूरा अल-हुजुरात सभी आयत (छंद)

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