Quran Quote  : 

कुरान मजीद-112:4 Surah Al-ikhlas हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَلَمۡ يَكُن لَّهُۥ كُفُوًا أَحَدُۢ

लिप्यंतरण:( Wa lam yakul-lahoo kufuwan ahad (section 1) )

और न कोई उसका समकक्ष है।[2]

सूरा Al-Ikhlasआयत 4 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • ख़ज़ाएनुल इरफ़ान

2. इस आयत में यह बताया गया है कि उसकी प्रतिमा तथा उसके बराबर और समतुल्य कोई नहीं है। उसके कर्म, गुण और अधिकार में कोई किसी रूप में बराबर नहीं। न उसकी कोई जाति है न परिवार। इन आयतों में क़ुरआन उन विषयों को जो लोगों के तौह़ीद से फिसलने का कारण बने, उसे अनेक रूप में वर्णित करता है। और देवियों और देवताओं के विवाहों और उन के पुत्र और पौत्रों का जो विवरण देव मालाओं में मिलता है, क़ुरआन ने उसका खंडन किया है।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Ikhlas verse 4 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Ikhlas ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 4.

सूरा Al-Ikhlas सभी आयत (छंद)

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