Quran Quote  : 

कुरान मजीद-3:146 सुरा आल-ए-इमरान हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَكَأَيِّن مِّن نَّبِيّٖ قَٰتَلَ مَعَهُۥ رِبِّيُّونَ كَثِيرٞ فَمَا وَهَنُواْ لِمَآ أَصَابَهُمۡ فِي سَبِيلِ ٱللَّهِ وَمَا ضَعُفُواْ وَمَا ٱسۡتَكَانُواْۗ وَٱللَّهُ يُحِبُّ ٱلصَّـٰبِرِينَ

लिप्यंतरण:( Wa ka aiyim min Nabiyyin qaatala ma'ahoo ribbiyyoona kaseerun famaa wahanoo limaaa Asaabahum fee sabeelil laahi wa maa da'ufoo wa mas takaanoo; wallaahu yuhibbus saabireen )

और कितने ही नबी थे, जिनके साथ होकर बहुत-से अल्लाह वालों ने युद्ध किया, तो उन्होंने अल्लाह के मार्ग में पहुँचने वाली मुसीबतों के कारण न हिम्मत हारी और न कमज़ोरी दिखाई और न वे (दुश्मन के सामने) झुके, तथा अल्लाह धैर्य रखने वालों से प्रेम करता है।

सूरा आल-ए-इमरान आयत 146 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Imran verse 146 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Imran ayat 144 which provides the complete commentary from verse 144 through 148.

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