लिप्यंतरण:( Allazeenas tajaaboo lil laahi war Rasooli mim ba'di maaa asaabahumulqarh; lillazeena ahsanoo minhum wattaqaw ajrun 'azeem )
95. जब काफ़िर उह़ुद से मक्का वापस हुए, तो मदीने से 30 मील दूर "रौह़ाअ" से फिर मदीना वापस आने का निश्चय किया। जब आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को सूचना मिली, तो सेना ले कर "ह़मराउल असद" तक पहुँचे जिसे सुनकर वे भाग गए। इधर मुसलमान सफल वापस आए। इस आयत में रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथियों की सराहना की गई है जिन्होंने उह़ुद में घाव खाने के पश्चात भी नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का साथ दिया। ये आयतें इसी से संबंधित हैं।
The tafsir of Surah Imran verse 172 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Imran ayat 169 which provides the complete commentary from verse 169 through 175.
सूरा आल-ए-इमरान आयत 172 तफ़सीर (टिप्पणी)