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कुरान मजीद-5:8 सुरा अल-मायदा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

يَـٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ كُونُواْ قَوَّـٰمِينَ لِلَّهِ شُهَدَآءَ بِٱلۡقِسۡطِۖ وَلَا يَجۡرِمَنَّكُمۡ شَنَـَٔانُ قَوۡمٍ عَلَىٰٓ أَلَّا تَعۡدِلُواْۚ ٱعۡدِلُواْ هُوَ أَقۡرَبُ لِلتَّقۡوَىٰۖ وَٱتَّقُواْ ٱللَّهَۚ إِنَّ ٱللَّهَ خَبِيرُۢ بِمَا تَعۡمَلُونَ

लिप्यंतरण:( Yaaa aiyuhal lazeena aamaanoo koonoo qawwaa meena lillaahi shuhadaaa'a bilqist, wa laa yajrimannakum shana aanu qawmin 'alaaa allaa ta'diloo; i'diloo; huwa aqrabu littaqwaa wattaqul laah; innal laaha khabeerum bimaa ta'maloon )

ऐ ईमान वालो! अल्लाह के लिए मज़बूती से क़ायम रहने वाले, न्याय के साथ गवाही देने वाले बन जाओ। तथा किसी समूह की शत्रुता तुम्हें इस बात पर हरगिज़ न उभारे कि तुम न्याय न करो। न्याय करो, यह तक़्वा (अल्लाह से डरने) के अधिक निकट[13] है, और अल्लाह से डरो। निःसंदेह अल्लाह उससे भली-भाँति अवगत है जो तुम करते हो।

सूरा अल-मायदा आयत 8 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

13. ह़दीस में है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा : जो न्याय करते हैं, वे अल्लाह के पास नूर (प्रकाश) के मंच पर उसके दाईं ओर रहेंगे, - और उसके दोनों हाथ दाएँ हैं - जो अपने आदेश तथा अपने परिजनों और जो उनके अधिकार में हो, में न्याय करते हैं। (सह़ीह़ मुस्लिम : 1827)

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Maidah verse 8 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Maidah ayat 7 which provides the complete commentary from verse 7 through 11.

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