Quran Quote  : 

कुरान मजीद-5:83 सुरा अल-मायदा हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَإِذَا سَمِعُواْ مَآ أُنزِلَ إِلَى ٱلرَّسُولِ تَرَىٰٓ أَعۡيُنَهُمۡ تَفِيضُ مِنَ ٱلدَّمۡعِ مِمَّا عَرَفُواْ مِنَ ٱلۡحَقِّۖ يَقُولُونَ رَبَّنَآ ءَامَنَّا فَٱكۡتُبۡنَا مَعَ ٱلشَّـٰهِدِينَ

लिप्यंतरण:( Wa izaa sami'oo maaa unzila ilar Rasooli taraaa a'yunahum tafeedu minad dam'i mimmmaa 'arafoo minalhaqq; yaqooloona Rabbanaaa aamannaa faktubnaa ma'ash shaahideen )

तथा जब वे उस (क़ुरआन) को सुनते हैं, जो रसूल की ओर उतारा गया है, तो आप देखते हैं कि उनकी आँखें आँसुओं से बह रही होती हैं, इस कारण कि उन्होंने सत्य को पहचान लिया। वे कहते हैं : ऐ हमारे पालनहार! हम ईमान ले आए। अतः हमें (सत्य) की गवाही देने वालों के साथ लिख[54] ले।

सूरा अल-मायदा आयत 83 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

54. जब जाफ़र (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने ह़ब्शा के राजा नजाशी को सूरत मरयम की आरंभिक आयतें सुनाईं, तो वह और उस के पादरी रोने लगे। (सीरत इब्ने हिशाम 1/359)

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Maidah verse 83 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Maidah ayat 82 which provides the complete commentary from verse 82 through 86.

सूरा अल-मायदा सभी आयत (छंद)

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