लिप्यंतरण:( Alam naj'alil arda kifaataa )
9. अर्थात जब तक लोग जीवित रहते हैं, तो उसके ऊपर रहते तथा बसते हैं और मरण के पश्चात उसी में चले जाते हैं।
The tafsir of Surah Mursalat verse 25 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Mursalat ayat 16 which provides the complete commentary from verse 16 through 28.
सूरा अल-मुर्सलात आयत 25 तफ़सीर (टिप्पणी)