लिप्यंतरण:( Falfaariqaati farqaa )
2. अर्थात सत्यासत्य तथा वैध और अवैध के बीच अंतर करने के लिए आदेश लाते हैं।
The tafsir of Surah Mursalat verse 4 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Mursalat ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 15.
सूरा अल-मुर्सलात आयत 4 तफ़सीर (टिप्पणी)