लिप्यंतरण:( Wa laa tuti' kulla hallaa fim maheen )
3. इन आयतों में किसी विशेष काफ़िर की दशा का वर्णन नहीं, बल्कि काफ़िरों के प्रमुखों के नैतिक पतन तथा कुविचारों और दुराचारों को बताया गया है, जो लोगों को इस्लाम के विरुद्ध उकसा रहे थे। तो फिर क्या इनकी बात मानी जा सकती है?
The tafsir of Surah Qalam verse 10 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Qalam ayat 8 which provides the complete commentary from verse 8 through 16.
सूरा अल-क़लम आयत 10 तफ़सीर (टिप्पणी)