लिप्यंतरण:( Wa umlee lahum; inna kaidee mateen )
12. अर्थात् सांसारिक सुख-सुविधा प्रदान करूँगा ताकि वे और अधिक लापरवाह हो जाएँ। फिर अंततः वे यातना से ग्रस्त हो जाएँगे।
The tafsir of Surah Qalam verse 45 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Qalam ayat 42 which provides the complete commentary from verse 42 through 47.
सूरा अल-क़लम आयत 45 तफ़सीर (टिप्पणी)