लिप्यंतरण:( Tajree bi a'yuninaa jazaaa'an liman kaana kufir )
जो हमारी आँखों के सामने चल रही थी, उसका बदला लेने के लिए जिसका इनकार किया गया था।
सूरा अल-क़मर आयत 14 तफ़सीर (टिप्पणी)
मुफ़्ती अहमद यार खान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Qamar verse 14 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Qamar ayat 9 which provides the complete commentary from verse 9 through 17.
सूरा अल-क़मर आयत 14 तफ़सीर (टिप्पणी)