लिप्यंतरण:( Wa iny yaraw aayatany yu'ridoo wa yaqooloo sihrun mustamirr )
और यदि वे कोई निशानी देखते हैं, तो मुँह फेर लेते हैं और कहते हैं कि (यह) एक जादू है जो समाप्त हो जाने वाला है।
सूरा Al-Qamarआयत 2 तफ़सीर (टिप्पणी)
ख़ज़ाएनुल इरफ़ान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Qamar verse 2 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Qamar ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 5.
सूरा Al-Qamarआयत 2 तफ़सीर (टिप्पणी)