लिप्यंतरण:( Wa laqad raawadoohu 'andaifeehee fatamasnaaa a'yunahum fazooqoo 'azaabee wa nuzur )
5. अर्थात उन्होंने लूत (अलैहिस्सलाम) से अपने दुराचार के लिए फ़रिश्तों को, जो सुंदर युवकों के रूप में आए थे, अपने सुपुर्द करने की माँग की।
The tafsir of Surah Qamar verse 37 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Qamar ayat 33 which provides the complete commentary from verse 33 through 40.
सूरा अल-क़मर आयत 37 तफ़सीर (टिप्पणी)