लिप्यंतरण:( Wa laqad jaaa'ahum minal anbaaa'i maa feehi muzdajar )
और निःसंदेह उनके पास ऐसी सूचनाएँ आ चुकी हैं, जिनमें डाँटडपट है।
सूरा अल-क़मर आयत 4 तफ़सीर (टिप्पणी)
मुफ़्ती अहमद यार खान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Qamar verse 4 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Qamar ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 5.
सूरा अल-क़मर आयत 4 तफ़सीर (टिप्पणी)