पूर्णतया हिकमत है, फिर भी डरानेवाली चीज़ें काम नहीं आतीं।
सूरा अल-क़मर आयत 5 तफ़सीर (टिप्पणी)
मुफ़्ती अहमद यार खान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Qamar verse 5 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Qamar ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 5.
सूरा अल-क़मर आयत 5 तफ़सीर (टिप्पणी)