Quran Quote  : 

कुरान मजीद-75:2 सुरा अल-क़ियामह हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफ़सीर (तफ़सीर).

وَلَآ أُقۡسِمُ بِٱلنَّفۡسِ ٱللَّوَّامَةِ

लिप्यंतरण:( Wa laaa uqsimu bin nafsil lawwaamah )

तथा मैं क़सम खाता हूँ निंदा[2] करने वाली अंतरात्मा की।

सूरा अल-क़ियामह आयत 2 तफ़सीर (टिप्पणी)



  • मुफ़्ती अहमद यार खान

2. मनुष्य की अंतरात्मा की यह विशेषता है कि वह बुराई करने पर उसकी निंदा करती है।

Ibn-Kathir

The tafsir of Surah Qiyamah verse 2 by Ibn Kathir is unavailable here.
Please refer to Surah Qiyamah ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 15.

सूरा अल-क़ियामह सभी आयत (छंद)

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