लिप्यंतरण:( Balaa qaadireena 'alaaa an nusawwiya banaanah )
क्यों नहीं? हम इस बता का भी सामर्थ्य रखते हैं कि उसकी उंगलियों की पोर-पोर सीधी कर दें।
सूरा अल-क़ियामह आयत 4 तफ़सीर (टिप्पणी)
मुफ़्ती अहमद यार खान
Ibn-Kathir
The tafsir of Surah Qiyamah verse 4 by Ibn Kathir is unavailable here. Please refer to Surah Qiyamah ayat 1 which provides the complete commentary from verse 1 through 15.
सूरा अल-क़ियामह आयत 4 तफ़सीर (टिप्पणी)